सभी 75 जिलों से 30 जून तक भेजे जाएं प्रस्ताव, गुणवत्तापूर्ण हो कार्य: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Proposals should be sent from all 75 districts by June 30, work should be of good quality: Chief Minister Yogi Adityanath

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना सम्बन्ध में उच्च स्तरीय बैठक की
  • मुख्यमंत्री ने कहा- सभी 403 विधानसभाओं में समावेशी विकास की दिशा में हो ठोस पहल
  • बोले मुख्यमंत्री- स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप तैयार करें प्रस्ताव
  • मुख्यमंत्री ने कहा- जिलाधिकारीगण स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर भेजें प्रस्ताव
  • बोले मुख्यमंत्री- विकास कार्यों का भूमि पूजन अथवा शिलान्यास स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से कराया जाए

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन और आगामी रणनीति के संबंध में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के समस्त जिलाधिकारीगण, विभिन्न विधानसभा के जनप्रतिनिधि और संबंधित विभागीय अधिकारी वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।

बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग की प्रमुख 18 योजनाओं के अंतर्गत प्रदेश के सभी 75 जिलों से 30 जून तक प्रस्ताव अनिवार्य रूप से प्राप्त हो जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारीगण स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करते हुए, स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर तय समयसीमा के भीतर भेजें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का लाभ राजनीतिक क्षेत्रफल नहीं, बल्कि स्थानीय आवश्यकता के आधार पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने समावेशी विकास की संकल्पना को केंद्र में रखते हुए निर्देशित किया कि सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों को कम से कम 2-3 योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ अवश्य मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विकास कार्यों का भूमि पूजन अथवा शिलान्यास स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाए, ताकि विकास में जनभागीदारी की भावना सशक्त हो।

मुख्यमंत्री ने धार्मिक पर्यटन को आर्थिक सशक्तिकरण से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि हर वर्ष प्रदेश के टॉप-50 धार्मिक स्थलों का चयन उसकी ऐतिहासिकता, महत्व एवं श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर किया जाए और इन स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों की बेहतर कनेक्टिविटी न केवल सांस्कृतिक अनुभव को समृद्ध करती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित करती है।

मुख्यमंत्री ने राज्य की सड़कों की कनेक्टिविटी को एकीकृत दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल, आगरा, यमुना, बुंदेलखंड और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे ने पूर्व-पश्चिम की कनेक्टिविटी को नया आयाम दिया है। अब समय आ गया है कि उत्तर और दक्षिण के जनपदों को भी आपस में जोड़ने वाली संरचना तैयार की जाए, जिससे राज्य की आंतरिक गति और समरसता को नई दिशा मिले।

उन्होंने सड़कों की गुणवत्ता, मरम्मत और सुरक्षा पर भी विशेष बल देते हुए निर्देश दिया कि प्रदेश के किसी भी मार्ग पर गड्ढे नजर नहीं आने चाहिए। उन्होंने कहा कि ओवरस्पीडिंग और टूटी हुई सड़कें, सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण हैं, इसलिए सभी डार्क स्पॉट चिन्हित किए जाएं और आवश्यकतानुसार टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनवाए जाएं।

बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों के लिए विशेष रणनीति अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु सेतु और सड़कें अकसर जलभराव के कारण क्षतिग्रस्त होती हैं। ऐसे में पूर्वानुमान के आधार पर पहले से ही प्रस्ताव तैयार कर भेजे जाएं, ताकि जैसे ही बरसात कम हो, कार्य आरंभ कराया जा सके।

मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नामित करें, जो साप्ताहिक आधार पर कार्यों की प्रगति की समीक्षा करे। साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि मासिक और द्वैमासिक समीक्षा बैठकों में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य हो।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि संदिग्ध या दागी ठेकेदारों को चिन्हित किया जाए और जांच उपरांत आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि विकास की गति तभी टिकाऊ और जनविश्वास आधारित हो सकती है जब ईमानदारी, पारदर्शिता और जनसहभागिता को सुनिश्चित किया जाए।

लोक निर्माण विभाग की महत्वपूर्ण 18 योजनाएं
लोक निर्माण विभाग की 18 महत्वपूर्ण योजनाओं में ब्लॉक और तहसील मुख्यालय, प्रमुख और अन्य जिला मार्ग, स्टेट हाईवे, धर्मार्थ मार्ग, औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक्स पार्क हेतु मार्गों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण, शहरों में बाईपास, रिंग रोड, फ्लाईओवर के निर्माण, अंतरराज्यीय /अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण तथा इन पर गेट का निर्माण, केंद्रीय मार्ग एवं अवसंरचना निधि के अंतर्गत मार्गो का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण, केंद्रीय मार्ग और अवसंरचना निधि सेतु बंधन, रेल ऊपरिगामी /अधोगामी सेतु, दीर्घ /लघु सेतु का निर्माण, चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, सड़क सुरक्षा, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क /अनजुड़ी बसावट योजनांतर्गत ग्रामीण मार्गों का नवनिर्माण तथा नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के कार्य शामिल हैं।

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