छोटे बच्चों का बड़ा कमाल, ‘परख सर्वे में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय औसत से आगे’

Great feat of young children, 'Uttar Pradesh ahead of national average in Parikh survey'

– परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 की सामने आई रिपोर्ट
– कक्षा 3 के छात्रों ने भाषा और गणित विषयों में राष्ट्रीय औसत से पहली बार किया बेहतर प्रदर्शन
– 4 दिसंबर 2024 को हर सर्वेक्षण में यूपी के सभी 75 जिलों ने लिया था भाग
– नीति, नियोजन और निष्पादन में संतुलन से होता है शिक्षा में बदलाव: संदीप सिंह

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में अपनी पहचान और मजबूत की है। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 के हालिया आंकड़े बताते हैं कि पहली बार कक्षा 3 के छात्रों ने भाषा और गणित विषयों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस व्यापक सर्वेक्षण का आयोजन 4 दिसंबर 2024 को किया गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों ने भाग लिया।

कक्षा 3 में ऐतिहासिक सुधार
इस सर्वेक्षण में कक्षा 3 के छात्रों ने भाषा में औसतन 68 अंक और गणित में 64 अंक प्राप्त किए, जबकि राष्ट्रीय औसत क्रमशः 64 और 60 रहा। यह प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था अब गुणवत्ता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। रिपोर्ट बताती है कि कक्षा 3 में कासगंज, शामली, औरैया, अम्बेडकरनगर और महोबा जैसे जनपदों ने सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) में उत्तर प्रदेश कक्षा 3 के स्तर पर राष्ट्रीय औसत से पीछे था।

कक्षा 6 और 9 में भी बेहतर प्रदर्शन
कक्षा 6 में भी प्रदेश ने मजबूती दिखाई है। भाषा में औसत स्कोर 55 (राष्ट्रीय औसत 57) और गणित में 45 (राष्ट्रीय औसत 46) रहा। अंतर बहुत कम है। सरकारी विद्यालयों के छात्रों ने विशेष रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। इस श्रेणी में कानपुर नगर, श्रावस्ती, कासगंज, शामली और अलीगढ़ सर्वाधिक अंक पाने वाले जनपद रहे। बता दें कि कक्षा 9 में अपेक्षाकृत विषय कठिन होते हैं, इसके बावजूद उत्तर प्रदेश ने विज्ञान में 38 (राष्ट्रीय औसत 40), गणित में 34 (राष्ट्रीय औसत 37) और सामाजिक विज्ञान में 37 (राष्ट्रीय औसत 40) अंक प्राप्त किए। यह अंतर न्यूनतम होते हुए सुधार की दिशा का स्पष्ट संकेत देता है। कक्षा 9 में वाराणसी, कानपुर नगर, अयोध्या, प्रयागराज और शामली जिलों के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

“परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि जब नीति, नियोजन और निष्पादन में संतुलन होता है, तो बड़े से बड़ा राज्य भी शिक्षा में बदलाव की मिसाल बन सकता है। यह केवल आंकड़ों की सफलता नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर हो रहे गहरे शैक्षिक परिवर्तन का प्रमाण है। हमें विश्वास है कि आने वाले वर्षों में यह सुधार और भी व्यापक और सुदृढ़ रूप लेगा।”

— संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश

सर्वेक्षण में अभूतपूर्व सहभागिता: डॉ. पवन सचान
एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान का कहाना है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा आयोजित इस सर्वेक्षण में कुल 2,53,720 छात्र, 30,817 शिक्षक और 8,865 विद्यालय शामिल हुए। सभी विद्यालयों में परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त, निजी, मदरसे, सीबीएसई, आईसीएसई, नवोदय एवं केंद्रीय विद्यालय शामिल थे।

इस तरह हुआ छात्रों का मूल्यांकन
कक्षा 3 के छात्रों का मूल्यांकन भाषा, गणित और ‘द वर्ल्ड अराउंड अस’ विषयों में 90 मिनट की परीक्षा में हुआ। कक्षा 6 और 9 के छात्रों का मूल्यांकन भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों में क्रमशः 90 और 120 मिनट की परीक्षा के माध्यम से किया गया।

ज्ञातव्य हो कि उत्तर प्रदेश के शिक्षा सुधारों में कई योजनाएं और पहल निर्णायक रही हैं। ‘निपुण भारत मिशन’ के अंतर्गत छात्रों की अधिगम क्षमताओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। शिक्षकों के लिए सतत् क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण, ‘कायाकल्प योजना’ के माध्यम से विद्यालयों में आधारभूत संरचना में अभूतपूर्व सुधार, और समुदाय से संवाद एवं अभिभावकों की भागीदारी जैसे प्रयासों ने शिक्षण वातावरण को जमीनी स्तर पर सशक्त किया है।

आंकड़े एक एक नजर में…
कक्षा 3
_ भाषा – उत्तर प्रदेश: 68 | राष्ट्रीय औसत: 64

_ गणित – उत्तर प्रदेश: 64 | राष्ट्रीय औसत: 60

_ वर्ल्ड अराउंड अस – उत्तर प्रदेश: 48 | राष्ट्रीय औसत: 49

कक्षा 6
_ भाषा – उत्तर प्रदेश: 55 | राष्ट्रीय औसत: 57

_ गणित – उत्तर प्रदेश: 45 | राष्ट्रीय औसत: 46

कक्षा 9
_ गणित – उत्तर प्रदेश: 34 | राष्ट्रीय औसत: 37

_ विज्ञान – उत्तर प्रदेश: 38 | राष्ट्रीय औसत: 40

_ सामाजिक विज्ञान – उत्तर प्रदेश: 37 | राष्ट्रीय औसत: 40

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