योगी सरकार 2025 में कराएगी एक लाख जोड़ों का सामूहिक विवाह

Yogi government will organize mass marriage of one lakh couples in 2025

– मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में दोगुना सहयोग, सख्त निगरानी के साथ तय हुआ नया लक्ष्य
– फर्मों के चयन से लेकर उपहारों की गुणवत्ता तक अब होगी तकनीकी नजर, अनियमितता पर लगेगा ब्रेक
– दूसरे जिले के अधिकारी बनेंगे आब्जर्वर, हर विवाह कार्यक्रम पर रहेगी सीधी निगरानी

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों को विवाह में सहयोग देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को योगी सरकार ने और अधिक पारदर्शी, प्रभावी और जनहितकारी रूप दे दिया है। सरकार ने इस योजना के अंतर्गत इस वर्ष एक लाख से अधिक जोड़ों के विवाह कराने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना को सख्त निगरानी और तकनीकी माध्यम से जोड़ते हुए लाभार्थियों तक पहुँचाने की व्यापक रणनीति बनाई गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना में वित्तीय सहायता राशि को दोगुना किए जाने के बाद अब इस योजना की निगरानी व्यवस्था को भी और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 से हर जोड़े पर एक लाख रुपये खर्च कर रही है।

सीएम योगी ने कई बार कहा है कि यह योजना सिर्फ विवाह कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक सम्मान, पारदर्शिता और जरूरतमंदों को सशक्त करने की दिशा में एक सार्थक कदम है।

तकनीकी के जरिए योजना में पारदर्शिता बढ़ाएगी योगी सरकार
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि अब योजना को तकनीकी माध्यम से और अधिक सरल, सुलभ और पारदर्शी बनाया जा रहा है ताकि वास्तविक लाभार्थियों तक इसका फायदा पहुंच सके। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया से लेकर सामग्री आपूर्ति तक के सभी चरणों को डिजिटल निगरानी में लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उपहारों की गुणवत्ता और वितरण को लेकर भी विशेष व्यवस्था की गई है। अब फर्मों का चयन जिला नहीं, बल्कि निदेशालय स्तर से किया जाएगा, जिससे किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की संभावना को खत्म किया जा सके।

सख्त निगरानी के लिए तैनात होंगे आब्जर्वर
सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए सरकार ने जनपदों में आब्जर्वर तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके तहत एक जिले के समाज कल्याण अधिकारी को दूसरे जिले में आब्जर्वर के रूप में भेजा जाएगा। मंडलीय उपनिदेशक और जिला समाज कल्याण अधिकारी की उपस्थिति विवाह समारोहों में अनिवार्य होगी। कार्यक्रम की निगरानी के लिए आब्जर्वर सीधे निदेशालय या मंडलीय उपनिदेशक को रिपोर्ट करेंगे। यह प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी अनियमितता छिप न सके। अब ऑनलाइन आवेदन से पहले कन्या के आधार सत्यापन में लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही विवाह स्थल पर वर-वधू दोनों की बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी, ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके।

अभियान चलाकर लाभार्थियों की बनाई जाए सूची
शासन स्तर से जनपदीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की जाए और इस संबंध में समर्पित अभियान चलाया जाए, जिससे हर वास्तविक पात्र को योजना का लाभ मिल सके। शासन स्तर पर कहा गया है कि सभी जिलों में पारदर्शी और सटीक तरीके से आवेदन की जांच की जाए, साथ ही स्थानीय निकाय, ग्राम पंचायत और आंगनबाड़ी केंद्रों के सहयोग से पात्र जोड़ों की पहचान सुनिश्चित की जाए।

सामाजिक न्याय और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए एक बड़ी राहत
योजना के प्रभारी उपनिदेशक आर.पी. सिंह ने बताया कि इस वर्ष लगभग एक लाख जोड़ों के सामूहिक विवाह कराए जाने का लक्ष्य समाज कल्याण विभाग ने तय किया है। यह न केवल एक सामाजिक सहायता है बल्कि सामूहिक सहयोग, सामुदायिक भावना और महिलाओं के सम्मान को बढ़ाने का प्रयास भी है।

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