कौशल मेले में दिखी कुशल और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की झलक

A glimpse of skilled and self-reliant Uttar Pradesh was seen in the Kaushal Mela

  • विश्व युवा कौशल दिवस पर लखनऊ में दिखा हुनर, हौसला और आत्मनिर्भरता का संगम
  • 100 से अधिक स्टॉल्स के माध्यम से प्रस्तुत किया गया उत्तर प्रदेश का कौशल
  • महिला उद्यमियों की भागीदारी और इकोफ्रेंडली उत्पादों से सजी प्रदर्शनी में दिखी नवभारत की तस्वीर

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कौशल मेला ने उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। “कुशल उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश” की भावना के साथ आयोजित इस मेले में 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए, जिनमें हस्तशिल्प, टेक्सटाइल, हेल्थकेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य उत्पादों की प्रदर्शनी देखने को मिली। मेले में कौशल विकास मिशन से जुड़े कई प्रशिक्षण संस्थानों, एनजीओ और स्टार्टअप्स ने अपनी सेवाएं और प्रशिक्षण मॉडल प्रदर्शित किए। कई जगह लाइव डेमो के माध्यम से युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की प्रक्रिया और परिणाम दोनों को देखने का अवसर मिला।

इस मौके पर सॉफ्ट स्किल्स से जुड़े वर्कशॉप जैसे स्पोकन इंग्लिश, इंटरव्यू स्किल्स, पर्सनालिटी ग्रूमिंग तथा सीवी मेकिंग ने युवाओं को व्यावहारिक ज्ञान देने में अहम भूमिका निभाई। वहीं फूड जोन में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता झलकती रही जिसमें लखनऊ की भेलपुरी, अयोध्या का सिरका, मुजफ्फरनगर की कचौरी, आगरा का पेठा और प्रतापगढ़ का आंवला विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।

महिला उद्यमियों की छाप
कौशल मेले की सबसे उल्लेखनीय झलक रही महिला उद्यमियों और ग्रामीण बेटियों की भागीदारी। आरएसडब्ल्यूएम प्रा. लि. की सेंट्रल कोऑर्डिनेटर आयुषी निगम ने बताया कि संस्था द्वारा ग्रामीण लड़कियों को सॉफ्ट स्किल और आईटी की नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें आवास, भोजन और चिकित्सा सुविधाएँ भी सम्मिलित हैं। इन बेटियों द्वारा बनाए गए इको-फ्रेंडली हैंडमेड उत्पाद, पोटली बैग्स, कुशन कवर, बाल हैंगिंग्स, जूट बैग्स, डोरमैट, और दीवार सजावट सामग्री मेले में आकर्षण का केंद्र बने। ये सभी उत्पाद न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि लड़कियों के आत्मनिर्भर बनने का जरिया भी बन चुके हैं।

वेस्ट मैटेरियल, जूट और कपड़ों से बनाते हैं उपयोगी चीजें
प्रशिक्षण पाए बच्चे वेस्ट मैटेरियल, जूट और कपड़ों से उपयोगी चीजें बनाते हैं। इन्हें मशीनों पर काम करना सिखाया जाता है। मशीन के साथ-साथ एक एक पुर्जे की जानकारी दी जाती है। कपड़े की जानकारी दी जाती है। आज यहां पर सरकार की ओर से हमें निशुल्क स्टॉल प्रदान किया गया, जहां पर हमारा प्रयास बच्चियों की प्रतिभा और उनके द्वारा तैयार उत्पादों को प्रदर्शित करना था। बच्चों ने यहां पर अपने हाथों से बनाए पोटली बैग्स, कुशन कवर, बाल हैंगिंग्स, जूट के पेंटिंग बैग्स, डोरमैट, आसनी प्रदर्शित किए हैं।

योगी सरकार की योजनाओं से संवर रहा युवाओं का भविष्य
कार्यक्रम में श्री सिद्धि विनायक एजुकेशन सोसाइटी की ट्रेनर शिवानी सिंह ने बताया कि यहां बच्चों को तीन महीने तक मुफ्त आवास, भोजन, किताबों के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण के बाद युवाओं को नोएडा समेत कई कंपनियों और हॉस्पिटल में प्लेसमेंट दिलाया जा रहा है।

योगी सरकार के सहयोग से चल रही प्रशिक्षण संस्थाएं युवाओं को न सिर्फ रोजगार, बल्कि स्वरोजगार की दिशा में भी प्रेरित कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही इस पहल के चलते गांव-गांव से युवा आगे आकर अपने जीवन को संवार रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। कई युवाओं ने स्वरोजगार की राह पकड़ी है, तो कई कंपनियों में सफलतापूर्वक कार्यरत हैं।

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