किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर प्रदेशवासियों को विषमुक्त अन्न, दूध, फल-सब्जियां उपलब्ध कराएगी योगी सरकार

By making farmers self-reliant, Yogi government will provide toxin-free food, milk, fruits and vegetables to the people of the state

  • मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर पहली बार गांव गांव अभियान चलाने की तैयारी
  • रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक का सशक्त विकल्प बनेंगे जीवामृत, घनजीवामृत और वर्मीकम्पोस्ट
  • कैंसर, थायराइड, बांझपन, मानसिक असंतुलन, हार्मोनल गड़बड़ियों और मधुमेह से बचाव की तैयारी
  • उत्तर प्रदेश को स्थाई, समृद्ध और स्वस्थ प्रदेश बनाने में जुटी योगी सरकार
  • मुख्यमंत्री की दूरदर्शी नीतियों से हर किसान प्रति एकड़ करेगा दस से बारह हजार रुपए तक की बचत
  • ग्राम ऊर्जा मॉडल से बनेगा स्वस्थ, समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश
  • गो आधारित खेती से हर गांव को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और प्रदेशवासियों को विषमुक्त अन्न, दूध, फल व सब्जियां उपलब्ध कराने की दिशा में बड़े स्तर पर अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत एक करोड़ से अधिक किसानों को गो आधारित खेती से जोड़कर न केवल उनकी आमदनी बढ़ाई जाएगी, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में भी क्रांतिकारी बदलाव किए जाएंगे।

गांव-गांव चलेगा अभियान
उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहली बार प्रदेश में गांव-गांव अभियान चलाने की तैयारी की गई है। इस अभियान के माध्यम से करीब एक करोड़ से अधिक किसान परिवारों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा। किसानों को गो आधारित खेती से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण, संसाधन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

ग्राम-ऊर्जा मॉडल बनेगा आत्मनिर्भरता की नींव
योगी सरकार के ग्राम-ऊर्जा मॉडल को आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की आधारशिला के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस मॉडल के अंतर्गत हर गांव में गोशालाओं के माध्यम से बायोगैस, वर्मीकम्पोस्ट, जीवामृत, घनजीवामृत आदि का उत्पादन कर खेतों में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे किसानों की रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता घटेगी।

जीवामृत और वर्मीकम्पोस्ट से कम होगी लागत, बढ़ेगी आमदनी
रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के महंगे विकल्पों के स्थान पर जीवामृत, घनजीवामृत और वर्मीकम्पोस्ट जैसे जैविक विकल्पों को अपनाकर किसान प्रति एकड़ 10 से 12 हजार रुपये तक की बचत कर सकेंगे। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पाद की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। यही नहीं, यह मॉडल मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखेगा।

स्वास्थ्य की रक्षा और बीमारियों से बचाव
योगी सरकार का यह कदम केवल खेती और किसानों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक रूप से दिखाई देगा। रासायनिक अन्न और उत्पादों के सेवन से कैंसर, थायराइड, बांझपन, मानसिक असंतुलन, हार्मोनल गड़बड़ियां और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से फैलती हैं। जैविक खेती से उत्पन्न विषमुक्त अन्न और उत्पादों के सेवन से इन बीमारियों से प्रभावी बचाव हो सकेगा।

स्थायी, समृद्ध और स्वस्थ उत्तर प्रदेश की ओर कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीतियों के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश को स्थायी, समृद्ध और स्वस्थ प्रदेश बनाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। गो आधारित खेती, ग्राम ऊर्जा मॉडल और जैविक खेती से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि एक हरित और स्वच्छ भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

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