आलेख
-
जीवन के लिये प्रकृति-वन्यजीवों का संरक्षण जरूरी
ललित गर्ग वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कई प्रजाति के जीव-जंतु, प्राकृतिक स्रोत एवं वनस्पति विलुप्त हो रहे हैं, जिससे पृथ्वी असंतुलित…
-
सही मायने में गंगा-जमुनी तहजीब की शायरी है फ़िराक़ की शायरी
ललित गर्ग रूमानियत, समाज एवं संस्कृति में रची बसी जिनकी शायरी हर उम्र के लोगों के जीवन का हिस्सा है,…
-
विश्व शांति की बात करने वाले ही कर रहे हैं विश्व युद्ध की बात
प्रो. नीलम महाजन सिंह सबसे पहले माहे रमादान की विश्व भर के मुस्लिम भाई बहनों को मुबारकबाद। मेरी दुआ है…
-
खेल शिक्षा की नई दिशा: क्या भारत तैयार है?
विजय गर्ग भारत में खेल और शारीरिक शिक्षा एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी हैं। देश में खेलों को बढ़ावा देने…
-
बांग्लादेश को महंगा पड़ेगा भारत से पंगा
ललित गर्ग कहते है कि ’जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की तरफ़ भागता है’ भले ही…
-
अब केंद्र की पॉलिटिक्स करेंगे केजरीवाल
प्रो. श्याम सुंदर भाटिया सियासी उड़ान में भी अनगिनत ख्वाहिशें होती हैं। एक सपना टूटा तो दूसरे ड्रीम का ताना-बाना…
-
कोई प्रतीकात्मक उत्सव नहीं है शून्य भेदभाव अभियान
ललित गर्ग दुनिया में भेदभाव की ऊंची-ऊंची दीवारों पर अमानवीयता, छूआछूत, अन्याय, शोषण, उत्पीड़न के काले अध्याय लिखे हैं, इनके…
-
बढ़ती जनसंख्या : पार्किंग की ज्वलंत समस्या
सुनील कुमार महला भारत आज विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राष्ट्र है।बढ़ती जनसंख्या और देश में बढ़ते वाहनों के…
-
दुर्भाग्यपूर्ण ‘तस्वीर की सियासत’
निर्मल रानी देश सरकारी कार्यालयों में प्रायः राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी,देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के चित्र लगाये जाते हैं। जबकि…