आलेख
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महाकुंभ 2025 : आस्था और विरासत की दिव्य यात्रा
रक्षा-राजनीति नेटवर्क ” महाकुंभ की दिव्य छत्रछाया में एकत्रित हुए हम सभी की आस्था और भक्ति का अमृत हमारी आत्माओं…
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अपनी मौत की भविष्यवाणी : कितनी सटीक कितनी ग़लत?
निर्मल रानी यह एक आम परन्तु सही व स्थापित धारणा है कि कोई भी व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में…
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चिंता का विषय हैं बढ़ती विमान दुर्घटनाएं !
सुनील कुमार महला सड़क हादसे ही नहीं आज दुनिया भर में बढ़ते विमान हादसे भी घोर चिन्ता का विषय हैं।…
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दिल्ली चुनावों पर ‘रेवड़ी कल्चर’ का खतरनाक साया
ललित गर्ग दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक सरगर्मी उग्र से उग्रत्तर होती जा रही है। आम…
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राजनीति 2024 : अंत में यूपी बीजेपी की डूबती नैया को उबार ले गये योगी
अखिलेश ने पाया-खोया दोनों, माया फिर खाली हाथ रह गईं अजय कुमार 2024 भी इतिहास के पन्नों में सिमट रहा…
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मिर्जा गालिब: शायरी और गजल के शिखर फनकार थे
ललित गर्ग मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग ख़ान, जो अपने तख़ल्लुस ग़ालिब से जाने जाते हैं, उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के एक…
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अस्त हो गया आर्थिक सुधार का महासूर्य
ललित गर्ग भारत के धुरंधर अर्थशास्त्री, प्रशासक, कद्दावर नेता, दो बार प्रधानमंत्री रह चुके डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष…
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समकालीन भारत में पत्रकारिता की प्रासंगिकता
प्रो. सुधीर सिंह पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका लोकतंत्र में तो काफी महत्वपूर्ण है ही,…
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फिल्म पुष्पा 2 : आपराधिक चरित्र को स्थापित करने का प्रयास
नरेंद्र तिवारी साहित्य समाज का दर्पण है, यह साहित्य की सर्वमान्य परिभाषा है। साहित्य को पढ़कर उस दौर की सामाजिक…
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संकीर्ण एवं साम्प्रदायिकता की राजनीति करने वाले दलों ने अल्पसंख्यक के नाम पर राजनीति की
ललित गर्ग अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पहली बार 18 दिसंबर 1992 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा,…