धार्मिक समृद्धि के साथ ही आर्थिक समृद्धि का संदेश दे रहा महाकुम्भ-25 का लोगो

The logo of Mahakumbh-25 is giving the message of economic prosperity along with religious prosperity

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 के लोगो का किया अनावरण
  • बेहद खास है महाकुम्भ-25 का लोगो, उकेरी गई अमृत कलश से लेकर अक्षयवट समेत संगम की सैटेलाइट छवि
  • सभी सिद्धि प्रदान करने वाला अर्थात ‘सर्वसिद्धिप्रदः कुम्भः’ बना महाकुम्भ का ध्येय वाक्य
  • संगमनगरी के किनारे स्थित सभी धर्मिक स्थलों और सनातन परंपरा से संबंधित सभी परंपराओं को किया गया है शामिल

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज में महाकुम्भ-25 के लिए नए बहुरंगी प्रतीक चिन्ह (लोगो) का अनावरण किया। महाकुम्भ-25 का यह लोगो धार्मिक और आर्थिक समृद्धता के संदेश का एक प्रेरणादायक स्रोत है, जिसमें समुद्र मंथन में निकले अमृत कलश को महाकुम्भ के लोगो में दर्शाया गया है। मंदिर, द्रष्टा, कलश और अक्षयवट के साथ ही हनुमान जी की छवि से युक्त महाकुम्भ का यह लोगो सनातन सभ्यता में शामिल प्रकृति और मानवता के संगम के साथ ही आत्म जागृति और जनकल्याण के अनंत प्रवाह का भी प्रतीक है।

यूनेस्को की ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में शामिल कुम्भ मेला तीर्थयात्रियों की दुनिया की सबसे बड़े शांतिपूर्ण आयोजन के रूप में माना जाता है। महाकुंम्भ का ध्येय वाक्य ‘सर्वसिद्धिप्रदः कुम्भः (सभी प्रकार की सिद्धि प्रदान करने वाला कुम्भ) है। दुनिया के सबसे बड़े मेलों में शुमार महाकुम्भ के लोगो को बहुमुखी बनाने का सफल प्रयास किया गया है। महाकुम्भ में देश भर से सभी संप्रदायों के साधु-संत बड़ी संख्या में शामिल होते हैं, जिन्हें लोगो में एक साधु द्वारा महाकुम्भ के लिए शंखनाद करते दिखाया गया है। वहीं दो साधुओं को प्रणाम की मुद्रा में दर्शाया गया है। इसके अलावा संगमनगरी के किनारे स्थित सभी धर्मिक स्थलों और सनातन परंपरा से संबंधित सभी परंपराएं शामिल की गई हैं। लोगो में शामिल अमृत कलश के मुख को भगवान विष्णु, गर्दन को रूद्र,आधार को ब्रम्हा, बीच के भाग को समस्त देवियों और अंदर के जल को संपूर्ण सागर का प्रतीक माना जाता है।

लोगो में दिखेगी संगम की सैटेलाइट छवि
महाकुम्भ का आयोजन विश्व भर से श्रद्धालुओं को एकजुट करने वाला एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक उत्सव है। चूंकि इस बार यह आयोजन प्रयागराज में हो रहा है तो प्रयागराज के सबसे धार्मिक महत्व वाले स्थल यानी तीनों नदियों (गंगा, यमुना और सरस्वती) की त्रिवेणी ‘संगम’को भी महाकुम्भ के लोगो में जगह दी गई है। इसमें ‘संगम’ की जीवंत सैटेलाइट छवि स्पष्ट रूप से नजर आएगी। ये नदियां जीवन रूपी जल के अनंत प्रवाह को दर्शाती हैं।

लोगो में छिपा है धार्मिक समृद्धि के साथ आर्थिक समृद्धि का संदेश
महाकुम्भ मानव-जाति को पाप, पुण्य और अंधकार व प्रकाश का बोध कराता है। यही वजह है कि पूरी दुनिया से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस धार्मिक महाकुम्भ को आर्थिक महाकुम्भ के रूप में दिव्य, भव्य और नव्य तरीके से आयोजित करने का निर्देश दिया है और स्वयं समय-समय पर इसका निरीक्षण करते हैं। लोगो में शामिल कलश को आर्थिक समृद्धता के रूप में भी शामिल किया गया है। सीएम योगी के नेतृत्व में सतत विकास की राह पर अग्रसर उत्तर प्रदेश महाकुम्भ के आयोजन से आर्थिकरूप से और समृद्ध होगा।

Related Articles

Back to top button