अवैध बांग्लादेशी नागरिकों का तत्काल निर्वासन आवश्यक, हालिया घटनाओं से हुआ स्पष्ट : डॉ. राजेश्वर सिंह

Immediate deportation of illegal Bangladeshi citizens is necessary, recent incidents make it clear: Dr. Rajeshwar Singh

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : देश और दुनिया में अप्रवासियों के निर्वासन को लेकर चल रही बहस के बीच, सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा बढ़ती गैरकानूनी गतिविधियों पर गहरी चिंता जताई है। विधायक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर, लखनऊ और पूरे प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें उनके मूल देश निर्वासित करने की मांग की है।

अपने पत्र में, डॉ. सिंह ने उल्लेख किया कि भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी राष्ट्रीय सुरक्षा, जनसांख्यिकी संतुलन, सांस्कृतिक विविधता और कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बने हुए हैं। इन अवैध प्रवासियों के संगठित अपराध, आतंकवाद, मानव तस्करी और अवैध व्यापार जैसी जघन्य गतिविधियों में संलिप्त होने के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। विधायक ने 4 और 5 फरवरी के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेशी नागरिकों ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर में डकैती की योजना बनाई और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों पर हमला किया। इसके अलावा, मुंबई के एक सुरक्षित क्षेत्र में एक फिल्म अभिनेता के घर में घुसकर हमला किया और हाल ही में लखनऊ में नगर निगम कर्मियों पर हमला किया। ये घटनाएं अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के त्वरित निर्वासन की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से रेखांकित करती हैं।

मीडिया खबरों का हवाला देते हुए डॉ. सिंह ने लिखा कि दिल्ली पुलिस ने 100 से अधिक अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को उनके देश भेजा है और करीब 16,000 संदिग्धों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। 4 फरवरी को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी असम सरकार से 63 अवैध बांग्लादेशियों को 2 सप्ताह के भीतर उनके देश निर्वासित करने का आदेश दिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका भी अवैध अप्रवासियों को गंभीर अपराधी मानते हुए उन्हें निरंतर उनके मूल देश भेजने की प्रक्रिया में है।

आने वाले समय में जनसांख्यिकी असंतुलन, संसाधनों पर दबाव, और कानून-व्यवस्था की चुनौती जैसी गंभीर समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि उत्तर प्रदेश, विशेषकर लखनऊ में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान और निर्वासन के लिए एक विशेष इकाई गठित की जाए। साथ ही, इस अभियान की नियमित निगरानी और प्रगति पर रिपोर्ट तैयार करने की व्यवस्था की जाए, ताकि प्रदेशवासियों का जन जीवन सुरक्षित और संरक्षित रह सके।

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