यूपी में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए चुने जाएंगे फेलोज़, योगी सरकार कर रही तैयारी

Fellows will be selected to promote eco-tourism in UP, Yogi government is making preparations

– उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा चुने जाएंगे 18 फेलोज़ और 1 कोऑर्डिनेटर
– पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ पर्यटन को देंगे बढ़ावा, स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से करेंगे सशक्त
– 23 से 40 उम्र के नौजवानों को मिलेगा मौका, 30 हजार स्टाइपेंड और 10 हजार रुपए का मिलेगा यात्रा भत्ता
– पर्यावरण विज्ञान, वन्यजीव विज्ञान, वानिकी, पारिस्थितिकी या संबंधित क्षेत्र में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक से साथ होनी चाहिए परास्नातक की डिग्री

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : योगी सरकार राज्य में ईको टूरिज्म को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (यूपीईटीडीबी) द्वारा 18 ईको टूरिज्म फेलोज़ और 1 प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ईको पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के सामने हाल ही में प्रस्तुत की गई है। शासन की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद कार्यक्रम को लागू कर दिया जाएगा।

चयनित फेलोज़ को करना होगा ये काम
इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित फेलो और कोऑर्डिनेटर विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाएंगे, जिनमें ईको टूरिज्म से संबंधित परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना, स्थानीय समुदायों और हितधारकों को प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करना, ईको टूरिज्म स्थलों का प्रचार-प्रसार करना, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ तालमेल बनाना, पर्यटन से संबंधित डेटा को सुव्यवस्थित करना, चल रही परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करना, पर्यटन स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं की कमियों को चिह्नित करना और पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को प्रोत्साहित करना शामिल है।

गुणवत्ता आधारित होगी योग्य उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया
कार्यक्रम के लिए उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता में न्यूनतम 60% अंक के साथ पर्यावरण विज्ञान, वन्यजीव विज्ञान, वानिकी, पारिस्थितिकी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री होना जरूरी होगा। इसके साथ ही एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल और एमएस पावरपॉइंट का ज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में प्रवीणता होना जरूरी होगा। उम्मीदवारों की आयु सीमा न्यूनतम 23 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। चयन की पूरी प्रक्रिया गुणवत्ता आधारित होगी, जिसे उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा आयोजित किया जाएगा। इसके लिए एक चयन समिति होगी। चयनित फेलो को प्रतिमाह 30,000 रुपये का स्टाइपेंड और 10,000 रुपये का यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा। इस योजना का अनुमानित वार्षिक व्यय 91.20 लाख रुपये होगा, जिसमें प्रशिक्षण लागत अतिरिक्त होगी। यह कार्यक्रम एक वर्ष के लिए होगा, जिसे आवश्यकता के आधार पर एक और वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। 18 फेलो की नियुक्ति का स्थान पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव और वन विभाग के प्रमुख सचिव के आपसी सहमति से तय किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि फेलो का कार्यक्षेत्र राज्य के विभिन्न ईको टूरिज्म स्थलों के लिए उपयुक्त हो।

स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को मिलेगी गति
बता दें कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को ईको टूरिज्म के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए कई नवाचार किए हैं। यह नई पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी गति देगी। इस योजना से राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होगा और पर्यटकों को उत्तर प्रदेश की जैव विविधता और सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू होने का अवसर मिलेगा। यह पहल उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख ईको टूरिज्म गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की योजनाएं न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगी, बल्कि स्थानीय समुदायों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी करेंगी।

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