
रक्षा-राजनीति नेटवर्क
नई दिल्ली : लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार भारतीय सेना में चार दशकों का शानदार करियर पूरा करने के बाद भारतीय सेना की उत्तरी कमान से सेवानिवृत्त हो गए। अपने विदाई समारोह में जनरल आफिसर कमांडिंग-इन चीफ (जीओसी-इन-सी) ने सर्वोच्च बलिदान के लिए बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी। सैनिक स्कूल, बीजापुर और एनडीए, खड़कवासला के पूर्व छात्र, जनरल ऑफिसर को 8 जून 1985 को 1 असम रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था। देश की उत्तरी और पूर्वी कमान में पारंपरिक और आतंकवाद/उग्रवाद विरोधी अभियानों का उनके पास बेहतर अनुभव है। उनकी सभी कमांड नियुक्तियाँ जम्मू-कश्मीर में थीं, जिसमें एक राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन, एक इन्फैंट्री ब्रिगेड, एक डिवीजन और एक कोर की कमान शामिल है।
उन्होंने 19 फरवरी 2024 को उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी का पदभार ग्रहण किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों को संचालित करने के अलावा, उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर संचालन की योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने सीमाओं और भीतरी इलाकों में एक संतुलित परिचालन स्थिति सुनिश्चित की। उनके नेतृत्व में, बदलती परिचालन गतिशीलता के साथ तालमेल बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रणाली विकसित की गई, जिससे सैन्य कर्मियों को वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों दोनों के लिए तैयार किया गया।
उनकी कमान के तहत, उत्तरी कमान क्षेत्रों में वेटरन, ‘वीर-माताओं’ और ‘वीर नारियों’ की सहायता के लिए भागीदारी कार्यक्रमों के अनुसार संसाधनों को जुटाने के प्रयास भी किए गए। उनके नेतृत्व में युवाओं के उत्थान, महिला सशक्तिकरण और स्थानीय समुदायों के विकास को सुविधाजनक बनाने पर ध्यान दिया गया जिसमें ऑपरेशन सद्भावना के तहत ‘गुज्जर’ और ‘बक्करवाल’ शामिल थे। स्थानीय समुदायों के उत्थान के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की गईं।
अपने विदाई भाषण में जनरल ऑफिसर ने सभी रैंकों को उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए बधाई दी और उन्हें भारतीय सेना की बेहतरीन परंपराओं में अपना अच्छा काम जारी रखने के लिए प्रेरित किया। जनरल ऑफिसर और उनके परिवार को भारतीय सेना उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती है।