समावेशी शिक्षा के मॉडल से समाज को नई राह दिखा रहा उत्तर प्रदेश

Uttar Pradesh is showing a new path to the society through the model of inclusive education

– समेकित विशेष विद्यालयों से शिक्षा में समानता और समावेश का संदेश दे रही योगी सरकार
– दिव्यांगों को शिक्षा ही नहीं, सम्मान भी दे रहे समेकित विद्यालय, बैरियर-फ्री इंफ्रास्ट्रक्चर, थैरेपी और ब्रेल सामग्री से सुसज्जित हो रहे स्कूल
– योगी सरकार की नीति से न केवल शिक्षा, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण में भी आ रहा बदलाव
– प्रत्येक विद्यालय में 560 सीटें, 50% दिव्यांग व 50% सामान्य छात्रों के लिए आरक्षित
– प्रदेश में संचालित हैं 7 समेकित विशेष विद्यालय, गाजियाबाद और प्रतापगढ़ को भी मिलेगा समेकित विद्यालय का लाभ

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में समावेशी शिक्षा को धरातल पर उतारते हुए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा “समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों” की स्थापना की जा रही है। यह प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक क्रांतिकारी बदलाव है, जिसका उद्देश्य दिव्यांग और सामान्य छात्रों को एक ही छत के नीचे गुणवत्तापूर्ण, समान और संवेदनशील वातावरण में शिक्षा प्रदान करना है।

वर्तमान में प्रदेश के सात जनपदों प्रयागराज, कन्नौज, औरैया, आजमगढ़, बलिया, महराजगंज और लखनऊ में ये समेकित विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। प्रत्येक विद्यालय की स्वीकृत क्षमता 560 विद्यार्थियों की है, जिसमें 50 प्रतिशत सीटें दिव्यांग छात्रों के लिए और 50 प्रतिशत सामान्य छात्रों के लिए आरक्षित हैं। इन विद्यालयों में करीब 400 बच्चों का पंजीकरण हो चुका है। ये सभी छात्र एक समावेशी, प्रेरणादायी एवं संवेदनशील शैक्षणिक वातावरण में पढ़ाई कर रहे हैं।

समावेशी शिक्षा की ओर बढ़ता कदम
योगी सरकार की समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों की यह पहल समाज में समावेश और सह-अस्तित्व की भावना को मजबूत करती है। यहां दिव्यांग बच्चों को न केवल विशेष सुविधाएं मिलती हैं, बल्कि सामान्य बच्चों के साथ सीखने का अवसर भी मिलता है। इससे दोनों वर्गों के बीच संवेदनशीलता और सहानुभूति विकसित होती है, जो एक समरस और समावेशी समाज की नींव डालती है। इन विद्यालयों में दिव्यांगजनों के लिए विशेष प्रशिक्षित शिक्षक, सहायक उपकरण, बैरियर-फ्री इंफ्रास्ट्रक्चर, ब्रेल व ऑडियो सामग्री और थैरेपी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही, सामान्य विद्यार्थियों को भी समान गुणवत्ता की शिक्षा दी जाती है, जिससे समग्र विकास का वातावरण तैयार होता है।

2025-26 में दो और विद्यालय प्रस्तावित
योगी सरकार की इस योजना को और विस्तार देने के लिए शैक्षिक सत्र 2025-26 से गाजियाबाद और प्रतापगढ़ में दो और समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों का संचालन प्रस्तावित है। इन नए विद्यालयों के शुरू होने से पश्चिम और पूर्वांचल के और अधिक दिव्यांग बच्चों को इस अनोखी शैक्षणिक व्यवस्था का लाभ मिलेगा। प्रदेश में चल रहे समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय शिक्षा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक प्रेरक मॉडल बनकर उभर रहे हैं। उत्तर प्रदेश अब न सिर्फ आर्थिक और बुनियादी ढांचे में आगे बढ़ रहा है, बल्कि संवेदनशीलता और समावेशी विकास की दिशा में भी देश को नई राह दिखा रहा है।

दिव्यांग सशक्तीकरण को समर्पित योगी सरकार
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने पर जोर दिया है। चाहे वह तकनीक आधारित ‘दिव्यांगजन पोर्टल’ की सुविधा हो, रोजगार मेलों का आयोजन हो या मोबाइल कोर्ट के माध्यम से त्वरित न्याय की व्यवस्था—सरकार हर स्तर पर दिव्यांग हितों को प्राथमिकता दे रही है। समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों की यह व्यवस्था न केवल एक शैक्षिक पहल है, बल्कि यह ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ की उस सोच को भी दर्शाती है जिसमें समानता, सम्मान और अवसर हर नागरिक का अधिकार है।

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