‘रामलला की उपस्थिति’ में दीपोत्सव के मंच पर उतरेगा समूचा भारत

The whole of India will descend on the stage of Deepotsav in the presence of Ramlala

  • तीन दिन (28 से 30 अक्टूबर) में देश-प्रदेश, विदेश के 1200 से अधिक कलाकार लेंगे हिस्साा
  • छह देशों की तरफ से होगा रामलीला का मंचन, देश-प्रदेश के कलाकारों को भी रामनगरी में कला-संस्कृति का मंच दिलाएगी योगी सरकार
  • फरुआही, अवधी, थारू, धोबिया, ढेढिया, मयूर, आदिवासी आदि लोकनृत्य पर शोभायात्रा निकालेंगे 250 कलाकार
  • गुजरात-पंजाब, मध्य प्रदेश, झारखंड, असम, महाराष्ट्र समेत दूसरे प्रदेशों से भी आएगा 240 कलाकारों का दल
  • गुप्तार घाट, बड़ी देवकाली, रामघाट, बिड़ला धर्मशाला, भरतकुंड, तुलसी उद्यान समेत कई स्थानों पर लोकगायन व लोकनृत्य की प्रस्तुति देंगे 800 कलाकार
  • रामनगरी में हनुमान चालीसा पर आधारित नृत्य नाटिका, रामायण नृत्य नाटिका का भी दीदार करेंगे दर्शक

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : योगी सरकार इस बार सबसे खास दीपोत्सव मनाने जा रही है, क्योंकि प्रभु श्रीराम के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा (22 जनवरी 2024) के उपरांत यह पहला दीपोत्सव है। वहीं 2017 से दीपोत्सव का अनवरत यह आठवां आयोजन होगा। योगी सरकार ‘रामलला की उपस्थिति’ में इस दीपोत्सव पर समूचे भारत को एक बार फिर रामनगरी में एकत्र करेगी। एक तरफ छह देशों के कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे तो वहीं देश-प्रदेश के कलाकार भी अपनी कला का दीदार कराएंगे। उत्तर प्रदेश के अनेक लोकनृत्यों को लेकर 250 कलाकारों द्वारा शोभायात्रा निकाली जाएगी। अन्य प्रदेशों के भी 240 कलाकार दीपोत्सव पर रामनगरी में भव्य प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा अनेक स्थलों पर 800 कलाकारों द्वारा लोकनृत्य व लोकगायन के कार्यक्रम होंगे। तीन दिन (28 से 30 अक्टूबर) के भीतर दीपोत्सव के मंच पर 1200 से अधिक कलाकार आध्यात्मिक भक्ति से सराबोर करेंगे।

तीन दिन में देश, विदेश-प्रदेश के 1200 से अधिक कलाकार लेंगे हिस्सा
श्रीराम मंदिर निर्माण के उपरांत पहले दीपोत्सव में तीन दिन तक देश-प्रदेश व विदेश के 1200 से अधिक कलाकार हिस्सा लेंगे। इसमें मलेशिया, म्यांमार, इंडोनेशिया, कंबोडिया, थाईलैंड व नेपाल के साथ-साथ स्थानीय दलों द्वारा भी रामलीला का मंचन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त लोकसंस्कृति पर आधारित फरुआही, बहुरूपिया, अवधी लोकनृत्य, बमरसिया, थारू लोकनृत्य, दीवारी, धोबिया, राई, ढेढिया, मयूर, आदिवासी लोकनृत्य के माध्यम से 250 कलाकारों द्वारा शोभाय़ात्रा निकाली जाएगी।

अन्य प्रदेशों के 240 कलाकार भी रामनगरी में देंगे भव्य प्रस्तुति
दीपोत्सव के दौरान अन्य प्रदेशों के 240 से अधिक कलाकार हिस्सा लेंगे। इसमें रउफ लोकनृत्य कश्मीर, छपेली लोकनृत्य उत्तराखंड, घूमर नृत्य हरियाणा, बरेदी लोकनृत्य मध्य प्रदेश, पंजाब का भांगड़ा/गतका नृत्य, महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा ढोलताशा, गुजरात के कलाकार डांडिया-गरबा, हिमाचल प्रदेश के कलाकार शिरमौर नाटी नृत्य, छत्तीसगढ़ के कलाकार गैंडी नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा सिक्किम, असम, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, राजस्थान समेत 15 राज्यों के 240 कलाकार तीन दिन तक रामनगरी में अपने राज्य की कला-संस्कृति से श्रोताओं, दर्शकों को रूबरू कराएंगे।

800 कलाकारों द्वारा अनेक स्थलों पर लोकनृत्य व लोकगायन के होंगे कार्यक्रम
योगी सरकार के मार्गदर्शन में तीन दिन तक अयोध्या में अनेक स्थानों पर भी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसमें लगभग 800 कलाकारों द्वारा लोकनृत्य व लोकगायन होंगे। श्री अयोध्या धाम में गुप्तार घाट, बड़ी देवकाली, रामघाट, बिड़ला धर्मशाला, भरतकुंड, तुलसी उद्यान, भजन संध्या स्थल, नाका, हनुमानगढ़ी, बस अड्डा बाईपास, नया घाट आदि स्थानों पर लगभग 800 कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। रामकथा पार्क में आगरा की प्रीति सिंह की प्रस्तुति होगी तो वहीं मैत्रेय पहाड़ी हनुमान चालीसा पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगी। सहारनपुर की रंजना नेव रामायण पर नृत्यमयी प्रस्तुति देंगी।

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