पुलिस विभाग की निर्माण परियोजनाओं की शासन स्तर से हो सीधी मॉनीटरिंग: मुख्यमंत्री

There should be direct monitoring of construction projects of the police department from the government level: Chief Minister

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग के अंतर्गत विभिन्न जिलों में निर्माणाधीन पुलिस लाइन, ट्रांजिट हॉस्टल अथवा प्रशिक्षण संस्थानों से जुड़े आवासीय/अनावासीय भवनों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता के लिए नियमित समीक्षा पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश दिए हैं कि गृह विभाग में सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा इन परियोजनाओं की साप्ताहिक और अपर मुख्य सचिव स्तर पर पाक्षिक समीक्षा की जाए। यही नहीं, कार्य की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी संबंधित जनपद/रेंज/जोन के पुलिस अधिकारियों की भी होगी।

गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में गृह विभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 50 करोड़ से अधिक की सभी निर्माण परियोजनाओं का किसी टेक्निकल इंस्टिट्यूट द्वारा थर्ड पार्टी मासिक ऑडिट कराया जाए। संबंधित संस्था द्वारा मौके पर जाकर स्थलीय सत्यापन किया जाए और उसकी रिपोर्ट फोटोग्राफ के साथ जमा होनी चाहिए। परियोजनाओं की गुणवत्ता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण से जुड़ी कार्यदायी संस्थाओं में विशेषज्ञ इंजीनियरों का अभाव है। उचित होगा कि सेवानिवृत्त अनुभवी अथवा प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों के दक्ष प्रोफेशनल की सेवाएं ली जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि कार्य प्रारंभ होने से पूर्व परियोजना की जो डिजाइन तय हुई है, उसमें किसी प्रकार का बदलाव कार्य प्रारंभ होने के बाद नहीं होना चाहिए। अपरिहार्य परिस्थितियों में शासन से अनुमोदन लिया जाना अनिवार्य हो। उन्होंने यह भी कहा कि बहुमंजिला इमारतों में लिफ्ट अनिवार्य रूप से लगाई जाए और उसके सुचारु संचालन के लिए कार्पस फंड बनाया जाए।

निर्माण कार्यों के लिए तय और अब तक जारी बजट की जोनवार समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड में ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मी के निवास के लिए अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए पुलिस लाइन में बहुमंजिला आवासीय भवन बनवाए जा रहे हैं। संभल, हापुड़, चंदौली, औरैया, अमरोहा, शामली सहित 08 जिलों में अब तक स्थायी पुलिस लाइन नहीं हैं, इनका निर्माण कराया जा रहा है। इससे पुलिस बल को कामकाज में आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलीगढ़ पुलिस लाइन में ट्रांजिट हॉस्टल 04 ब्लॉक (जी12) का निर्माण कार्य अप्रैल 2025 तक पूरा कर लें। इसी तरह, उन्नाव में निर्माणाधीन राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय और लखनऊ में वीरांगना ऊदादेवी महिला पुलिस बटालियन के आवासीय/अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य में तेजी की अपेक्षा है। उन्होंने कहा की 01वीं वाहिनी विशेष सुरक्षा बल, लखनऊ, अमेठी पुलिस लाइन, पीएसी महिला वाहिनी बदायूं, पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय मुरादाबाद और पीटीएस मेरठ गोरखपुर व सीतापुर की क्षमता दोगुनी किये जाने, गौतमबुद्ध नगर में 49वीं वाहिनी पीएसी बटालियन, शामली में एक नई पीएसी वाहिनी की स्थापना, अयोध्या में विधि विज्ञान प्रयोगशाला, आवासीय पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मेरठ, आवासीय पीएसी महिला वाहिनीं बदायूं तथा गोरखपुर में महिला पीएसी वाहिनी की स्थापना हेतु आवासीय/अनावासीय भवनों का निर्माण तय समय सीमा के भीतर पूरा कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कॉन्ट्रैक्टर द्वारा अनुबंध की शर्तों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है तो उसे नोटिस देने और फिर ब्लैकलिस्ट करने में संकोच नहीं किया जाना चाहिए।

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