महाकुम्भ के बाद अब संगम की रेती उगलेगी सोना, पांच लाख प्रतिमाह कमाई का अवसर

After Maha Kumbh, now the sand of Sangam will yield gold, opportunity to earn five lakh rupees per month

  • मेले के बाद स्थानीय किसानों ने बड़े पैमाने पर शुरू की तरबूज, ककड़ी, खीरे और खरबूजे की खेती
  • सीएम योगी के निर्देश पर इस बार छोड़ा गया है रिकॉर्ड पानी, नहीं होने पाएगी सिंचाई की समस्या
  • वैज्ञानिक बोले- बलुई मिट्टी इस फसल के लिए सबसे मुफीद, जायद फसलों से हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार
  • बुवाई का काम शुरू, किसानों पर मेहरबान गंगा मैया भरेंगी झोली, वैज्ञानिक सिखा रहे अधिक उत्पादन की तकनीक
  • गंगा पार, यमुना पार, झूंसी, फाफामऊ और जसरा क्षेत्र में रोजगार अपार
  • महाकुम्भ में अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती के बाद नए क्षेत्र में खुल रहे संभावनाओं के द्वार
  • खेती के साथ पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग के भी नए अवसर खुल रहे हैं

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ / प्रयागराज : प्रयागराज में महाकुम्भ के भव्य आयोजन के बाद अब संगम की रेती में नई संभावनाएं जन्म ले रही हैं। जहां करोड़ों श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई, वहीं अब यहां के किसान तरबूज, ककड़ी, खीरे और खरबूजे की फसल से अपनी तकदीर बदलने की तैयारी में हैं। बलुई मिट्टी और गंगा-यमुना के शुद्ध जल से इस क्षेत्र में जायद फसलों की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि इस खेती से हजारों स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। सीएम योगी के निर्देश पर इस बार रिकॉर्ड पानी छोड़ा गया है। जिसकी वजह से सिंचाई की कोई समस्या नहीं होने पाएगी। वैज्ञानिकों के अनुसार बलुई मिट्टी इस फसल के लिए सबसे मुफीद है। महाकुम्भ में अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती के बाद अब नए क्षेत्र में संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं। बुवाई का काम अब शुरू हो चुका है और किसानों पर मेहरबान गंगा मैया उनकी झोली भरने के लिए तैयार हैं। प्रयागराज के वैज्ञानिक इन किसानों को अधिक उत्पादन की तकनीकें भी सीखा रहे हैं।

गंगा-यमुना का वरदान : अब रेतीली मिट्टी उगलेगी सोना
महाकुम्भ के बाद प्रयागराज के संगम तटों पर स्थानीय किसानों ने बड़े पैमाने पर खेती शुरू कर दी है। गंगा पार, यमुना पार, झूंसी, फाफामऊ और जसरा क्षेत्र में किसानों ने तरबूज, ककड़ी, खीरे और खरबूजे की बुवाई शुरू कर दी है। प्रयागराज के वैज्ञानिक ( उद्यान ) डॉक्टर हिमांशु सिंह के अनुसार यहां की बलुई मिट्टी इस तरह की फसलों के लिए सबसे उपयुक्त होती है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार गंगा, यमुना में रिकॉर्ड मात्रा में पानी छोड़ा गया है। जिससे किसानों को सिंचाई की कोई समस्या नहीं होने पाएगी।

हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार, लाखों की कमाई का अवसर
जायद फसलों की खेती से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि हजारों स्थानीय युवाओं को भी रोजगार मिलेगा। इस फसल से किसान एक महीने में पांच लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। डॉक्टर हिमांशु के अनुसार खेती के साथ-साथ पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग के भी नए अवसर खुल रहे हैं। जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।

महाकुम्भ के बाद कृषि क्षेत्र में नए द्वार, संगम की रेती से समृद्धि की बनेगी नई कहानी
महाकुम्भ ने प्रयागराज ही नहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। अब इस भूमि से कृषि की एक नई कहानी लिखी जा रही है। संगम तट पर हजारों किसानों ने उम्मीदों की फसल बोई है। जो आने वाले महीनों में उनकी झोली खुशियों से भरने वाली है। इस खेती के लिए बाकायदा किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र प्रयागराज द्वितीय के वैज्ञानिक डॉक्टर अनुराग सिंह विशेष रूप से प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।

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