मथुरा की छाता चीनी मिल और गोरखपुर में नई एथेनॉल डिस्टलरी की स्थापना की कार्यवाही तेज, जल्द मिलेगी प्रदेश को सौगात

The process of setting up Chhata Sugar Mill in Mathura and a new Ethanol Distillery in Gorakhpur is in full swing, the state will get this gift soon

  • मुख्यमंत्री ने की थी स्थापना की घोषणा, अगले माह पूरी हो जाएगी टेंडर प्रक्रिया
  • मथुरा जिले के छाता में होगी 3000 टी.सी.डी. क्षमता की चीनी मिल की स्थापना
  • पिपराईच (गोरखपुर) में 120 के.एल.पी.डी. क्षमता की एथेनॉल डिस्टलरी की होगी स्थापना
  • गन्ना किसानों के भुगतान में भी 08 वर्ष में बना है रिकॉर्ड, इस वर्ष की 88% देय का हो चुका है भुगतान

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन काल में गन्ना किसानों के हितों में कई बड़े अहम फैसले लिए गये हैं, जिससे न केवल गन्ना और चीनी उत्पादन में वृद्धि हुई है साथ ही प्रदेश के आर्थिक विकास में भी गन्ना किसानों के योगदान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सीएम योगी के मार्गदर्शन में जहां एक ओर सालों से बंद पड़ी छाता, मथुरा में चीनी मिल तो वहीं दूसरी ओर पिपराइच, गोरखपुर में नई एथेनॉल डिस्टलरी की परियोजना धरती पर उतरने जा रही है। छाता चीनी मिल और पिपराइच डिस्टलरी के लिये ई-निविदाओं की प्रक्रिया चल रही है, जिसके पूरी होते ही निर्माण कार्य भी शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। साथ ही सीएम योगी के 8 वर्ष के शासन काल में गन्ना किसानों का रिकार्ड भुगतान किया गया है। इस वर्ष भी गन्ना किसानों की देय के 88 प्रतिशत राशि का भुगतान हो चुका है, शेष भी जल्द ही पूरा हो जाएगा।

मथुरा की चीनी मिल और गोरखपुर में नई डिस्टलरी की निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन के 8 सालों में प्रदेश में गन्ना उत्पादन और उससे संबंधित उत्पादों के निर्माण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये हैं। वर्ष 2025-26 के बजट में छाता, मथुरा में 3000 टीडीसी क्षमता की चीनी मिल और पिपराईच, गोरखपुर में 120 केपीएलडी की एथेनॉल डिस्टलरी की स्थापना की घोषणा की गई थी। वर्तमान में दोनों इकाईयों के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है। अगले माह में निविदा प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वर्ष 2009 से बंद पड़ी छाता, मथुरा की चीनी मिल के शुरू होने से क्षेत्र के गन्ना किसानों में उत्साह है। चीनी मिल की क्षमता को 2000 टीडीएस से बढ़ा कर 3000 टीडीएस की जा रही है। साथ ही मिल की क्षमता को 4900 टीडीएस तक भी विस्तृत की जा सकेगी। मिल की स्थापना क्षेत्र के गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है। इसके साथ ही गोरखपुर जिले में स्थित पिपराइच की सुगर मिल में एथनॉल डिस्टलरी की स्थापना के लिए बजट में 90 करोंड़ रूपये स्वीकृत किये थे। वर्तमान में 120 केपीएलडी क्षमता की एथेनॉल की डिस्टलरी की स्थापना के लिए निविदा प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है जो अगले माह पूरी होती ही निर्माण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

पिछले 8 सालों में गन्ना किसानों को हुआ है रिकार्ड भुगतान

यूपी में योगी सरकार ने पिछले 8 सालों में गन्ना किसानों को रिकार्ड 2.80 लाख करोंड़ रूपये का भुगतान किया है। जबकि पिछली सरकारों में गन्ना किसान दस-दस साल तक राशि के भुगतान के लिए परेशान रहते थे। यहीं नहीं पिछली सरकारों ने 1995 से 2017 तक 22 वर्षों में गन्ना किसानों को केवल 66.703 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। इस वर्ष भी गन्ना किसानों के लिए बजट में 475 करोंड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। जिसमें से 88 प्रतिशत राशि का वितरण किया जा चुका है। शेष राशि के भुगतान को शीघ्र ही पूरी करने की प्रक्रिया चल रही है। जो प्रदेश के गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ गन्ना और उससे संबंधित उत्पादों के उत्पादन को भी प्रोत्साहन देगा। सीएम योगी ने बागपत में अपनी एक जनसभा में इसे एक ऐतिहासिक कार्य बताया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गन्ना किसान और गन्ने के उत्पाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 1.09 लाख करोड़ रुपए का जी.वी.ए. में योगदान दे रहा है।

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