प्रधानमंत्री ने 410 करोड़ से अधिक लागत वाले हिसार हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी

PM lays foundation stone of new terminal building of Hisar airport costing over Rs 410 crore

  • हमारे संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की आज जयंती होने के नाते, यह हम सभी के लिए, पूरे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है: प्रधानमंत्री
  • आज हरियाणा से अयोध्या धाम के लिए फ्लाइट शुरु हुई है। यानि अब श्री कृष्ण जी की पावन भूमि हरियाणा, प्रभु राम की नगरी से सीधे जुड़ गई है: प्रधानमंत्री
  • हमारी सरकार एक तरफ कनेक्टिविटी पर बल दे रही है… दूसरी तरफ गरीब कल्याण और सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित कर रही है: प्रधानमंत्री

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

हवाई यात्रा को सभी के लिए सुरक्षित, किफायती और सुलभ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज हरियाणा के हिसार में महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी, जिस पर 410 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, उन्होंने हरियाणा के लोगों को शुभकामनाएं दीं और उनकी ताकत, खेल भावना और भाईचारे को राज्य की पहचान के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने इस व्यस्त फसल के मौसम के दौरान आशीर्वाद देने के लिए बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री ने गुरु जम्भेश्वर, महाराजा अग्रसेन और पवित्र अग्रोहा धाम को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने हरियाणा, खासकर हिसार से जुड़ी अपनी यादें साझा कीं और कहा कि जब पार्टी ने उन्हें राज्य की जिम्मेदारी सौंपी थी, तब उन्होंने अनेक साथियों के साथ मिलकर काम किया था। उन्होंने हरियाणा में पार्टी की नींव मजबूत करने में इन साथियों के समर्पण और प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विकसित हरियाणा और विकसित भारत के लक्ष्य के प्रति अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता पर गर्व व्यक्त किया और इस कल्‍पना को हकीकत में बदलने के लिए पूरी गंभीरता से काम किया।

श्री मोदी ने कहा, “आज पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि आज संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बाबासाहेब का जीवन, संघर्ष और संदेश सरकार की 11 साल की यात्रा का आधार रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का हर निर्णय, हर नीति और हर दिन बाबासाहेब की कल्‍पना को समर्पित है। उन्होंने वंचितों, उत्पीड़ितों, शोषितों, गरीबों, आदिवासी समुदायों और महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और उनके सपनों को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर और तेज विकास उनकी सरकार का मंत्र रहा है।

श्री कृष्ण की पवित्र भूमि और भगवान राम की नगरी के बीच सीधे संपर्क का प्रतीक, हरियाणा को अयोध्या धाम से जोड़ने वाली उड़ानों की शुरुआत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि अन्य शहरों के लिए भी उड़ानें जल्द ही शुरू होंगी। उन्होंने हिसार हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन के शिलान्यास पर प्रकाश डाला और इसे हरियाणा की आकांक्षाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक कदम बताया। उन्होंने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए हरियाणा के लोगों को बधाई दी।

श्री मोदी ने अपने वादे को दोहराते हुए कि हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई जहाज में उड़ेंगे, जो सपना अब पूरे देश में साकार हो रहा है, इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 10 वर्षों में लाखों भारतीयों ने पहली बार हवाई यात्रा का अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि नए हवाई अड्डे उन क्षेत्रों में भी बनाए गए हैं जहाँ पहले उचित रेलवे स्टेशन नहीं थे, उन्होंने बताया कि 2014 से पहले भारत में 74 हवाई अड्डे थे, यह संख्या 70 वर्षों में हासिल हुई जबकि आज हवाई अड्डों की संख्या 150 से अधिक हो गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उड़ान योजना के तहत लगभग 90 हवाई अड्डों को जोड़ा गया है, जिसमें 600 से अधिक मार्ग चालू हैं, जिससे कई लोगों के लिए सस्ती हवाई यात्रा संभव हो गई है। उन्होंने कहा कि इससे सालाना हवाई यात्रियों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है। उन्होंने आगे बताया कि विभिन्न एयरलाइनों ने 2,000 नए विमानों के रिकॉर्ड ऑर्डर दिए हैं, जिससे पायलटों, एयर होस्टेस और अन्य सेवाओं के लिए कई नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि विमान रखरखाव क्षेत्र में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हिसार हवाई अड्डा हरियाणा के युवाओं की आकांक्षाओं को बढ़ाएगा तथा उन्हें नए अवसर और सपने प्रदान करेगा।’’

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “हमारी सरकार गरीबों के कल्याण और सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करते हुए कनेक्टिविटी पर ध्यान केन्‍द्रित कर रही है, बाबासाहेब अंबेडकर की कल्‍पना और संविधान निर्माताओं की आकांक्षाओं को पूरा कर रही है।” उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर के साथ किए गए व्यवहार के लिए कांग्रेस पार्टी की आलोचना की और कहा कि जब वे जीवित थे, तो उन्होंने उनका अपमान किया, दो बार उनकी चुनावी हार की साजिश रची और उन्हें व्यवस्था से बाहर करने की साजिश रची। उन्होंने टिप्पणी की कि बाबासाहेब के निधन के बाद, पार्टी ने उनकी विरासत को मिटाने और उनके विचारों को दबाने का भी प्रयास किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि डॉ. अंबेडकर संविधान के रक्षक थे, जबकि वे इसके विध्वंसक बन गए। उन्होंने कहा कि जहां डॉ. अंबेडकर समानता लाने का लक्ष्य रखते थे, वहीं कांग्रेस ने देश में वोट बैंक की राजनीति का वायरस फैलाया।

श्री मोदी ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर ने हर गरीब और हाशिए पर पड़े व्यक्ति के लिए सम्मान का जीवन देखा था, जिससे वे सपने देख सकें और अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर सकें। उन्होंने अपने लंबे कार्यकाल के दौरान एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार करने के लिए पिछली सरकार की आलोचना की। उन्होंने अपने शासन के दौरान असमानता को उजागर किया, जहां पानी कुछ नेताओं के स्विमिंग पूल तक पहुंच गया, लेकिन गांवों तक पहुंचने में विफल रहा। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी, केवल 16 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल का पानी का कनेक्शन था, जिसका एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उन्होंने साझा किया कि पिछले 6-7 वर्षों में, उनकी सरकार ने 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल के पानी का कनेक्शन प्रदान किया है, जिससे कवरेज 80 प्रतिशत ग्रामीण घरों तक पहुंच गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि, बाबासाहेब के आशीर्वाद से, हर घर तक नल का पानी पहुंचेगा। उन्होंने शौचालयों की कमी की भी चर्चा की, जिसने एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को गंभीर रूप से प्रभावित किया। उन्होंने वंचितों के लिए सम्मान का जीवन सुनिश्चित करने के लिए 11 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला।

कानून से छूट प्राप्‍त पिछली सरकार की आलोचना करते हुए, जिसके दौरान एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ा, यहां तक ​​कि बैंकों तक पहुंच भी एक दूर का सपना था, प्रधानमंत्री ने कहा कि बीमा, ऋण और वित्तीय सहायता उनके लिए केवल आकांक्षाएं थीं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी सरकार के तहत, जन धन खातों के सबसे बड़े लाभार्थी एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय से हैं। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि आज, ये व्यक्ति आत्मविश्वास के साथ अपने रुपे कार्ड दिखाते हैं, जो उनके वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण का प्रतीक है।

श्री मोदी ने पवित्र संविधान को सत्ता हासिल करने के लिए मात्र एक साधन में बदलने के लिए कांग्रेस पार्टी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें सत्ता का संकट आया, तो उन्होंने संविधान को कुचल दिया। उन्होंने आपातकाल की अवधि पर प्रकाश डाला, जिसके दौरान तत्कालीन सरकार ने सत्ता बनाए रखने के लिए संविधान की भावना को कमजोर किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान का सार सभी के लिए समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करना है, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इसे कभी लागू नहीं किया। उन्होंने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन का विरोध किया, जबकि यह संविधान के सिद्धांतों के अनुरूप है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन कांग्रेस ने इसे तुष्टीकरण के साधन में बदल दिया। उन्होंने कर्नाटक में वर्तमान सरकार द्वारा धर्म के आधार पर सरकारी निविदाओं में आरक्षण दिए जाने की हालिया रिपोर्टों पर प्रकाश डाला, जबकि संविधान में ऐसे प्रावधानों की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण की नीतियों ने मुस्लिम समुदाय को काफी नुकसान पहुंचाया है, जिसका लाभ केवल कुछ उग्र राजनीतिक विचारों वाले व्‍यक्तियों‍ को मिला है, जबकि शेष समाज उपेक्षित, अशिक्षित और दरिद्र बना हुआ है। उन्होंने वक्फ कानून को पिछली सरकार की दोषपूर्ण नीतियों का सबसे बड़ा सबूत बताया। उन्होंने कहा कि 2013 में, चुनावों से कुछ महीने पहले, कांग्रेस ने अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए वक्फ कानून में संशोधन किया, और इसे कई संवैधानिक प्रावधानों से ऊपर उठा दिया।

मुसलमानों के कल्याण के लिए काम करने का दावा करने और सार्थक कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए, श्री मोदी ने टिप्पणी की कि यदि पार्टी वास्तव में मुस्लिम समुदाय की परवाह करती, तो उन्हें किसी मुस्लिम को अपना पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए था या अपने 50कानून प्रतिशत टिकट मुस्लिम उम्मीदवारों को आवंटित करने चाहिए थे, उन्होंने कहा कि उनके इरादे कभी भी मुसलमानों के वास्तविक कल्याण से जुड़े नहीं थे, जिससे उनकी असली पहचान उजागर होती है। वक्फ के अंतर्गत गरीबों, बेसहारा महिलाओं और बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए निर्धारित भूमि के विशाल भूभाग पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने बताया कि इसके बजाय कुछ माफिया दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों की जमीनों पर अतिक्रमण कर रहे हैं, जिससे पसमांदा मुस्लिम समुदाय को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि वक्फ कानून में संशोधन से इस तरह के शोषण को समाप्त किया जाएगा, संशोधित कानून में एक महत्वपूर्ण नए प्रावधान पर जोर देते हुए, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वक्फ बोर्ड आदिवासियों की जमीनों को छू नहीं सकते। उन्होंने इसे आदिवासी हितों की रक्षा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि नए प्रावधान वक्फ की पवित्रता का सम्मान करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि गरीब और पसमांदा मुस्लिम परिवारों, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को बरकरार रखा जाए। उन्होंने पुष्टि की कि यह संविधान की सच्ची भावना और वास्तविक सामाजिक न्याय को दर्शाता है।

बाबासाहेब अंबेडकर की विरासत का सम्मान करने और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए 2014 से सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत और विदेशों में बाबासाहेब से जुड़े स्थानों की वर्षों तक उपेक्षा की गई। उन्होंने कहा कि मुंबई में इंदु मिल में बाबासाहेब का स्मारक बनाने के लिए भी लोगों को विरोध करना पड़ा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने महू में बाबासाहेब के जन्मस्थान, लंदन में उनके शैक्षणिक स्थल, दिल्ली में उनके महापरिनिर्वाण स्थल और नागपुर में उनकी दीक्षा भूमि सहित सभी प्रमुख स्थलों को विकसित किया है और उन्हें “पंचतीर्थ” में बदल दिया है। उन्होंने हाल ही में बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देने के लिए दीक्षा भूमि का दौरा करने के अपने सौभाग्य को साझा किया। प्रधानमंत्री ने सामाजिक न्याय के बारे में बड़े-बड़े दावे करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की, जबकि अपने कार्यकाल के दौरान बाबासाहेब और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने में विफल रहे। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि बाबा साहब को भारत रत्न तभी दिया गया जब केन्‍द्र में भाजपा समर्थित सरकार सत्ता में थी और चौधरी चरण सिंह को भी उनकी पार्टी ने ही भारत रत्न से सम्मानित किया था।

सामाजिक न्याय और गरीबों के कल्याण के मार्ग को लगातार मजबूत करने के लिए हरियाणा सरकार की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों के दौरान हरियाणा में सरकारी नौकरियों की भयावह स्थिति पर प्रकाश डाला, जहाँ व्यक्तियों को राजनीतिक संबंधों पर निर्भर रहना पड़ता था या रोजगार पाने के लिए पारिवारिक संपत्ति बेचनी पड़ती थी। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार पर संतोष व्यक्त किया, जिसने इन भ्रष्ट प्रथाओं को खत्म कर दिया है। उन्होंने रिश्वत या सिफारिशों के बिना नौकरी देने के हरियाणा के उल्लेखनीय ट्रैक रिकॉर्ड की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने हरियाणा के 25,000 युवाओं को सरकारी नौकरी पाने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया था। हालाँकि, जैसे ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पदभार संभाला, योग्य उम्मीदवारों को हज़ारों नियुक्ति पत्र जारी किए गए। उन्होंने इसे उनके सुशासन का एक उदाहरण बताया और आने वाले वर्षों में हज़ारों नई नौकरियाँ पैदा करने के लिए सरकार के रोडमैप की सराहना की।

देश के लिए हरियाणा के महत्वपूर्ण योगदान पर जोर देते हुए, जहाँ बड़ी संख्या में युवा सशस्त्र बलों में सेवारत हैं, श्री मोदी ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना के बारे में दशकों तक छल करने के लिए पिछली सरकारों की आलोचना की और इस बात पर ज़ोर दिया कि ओआरओपी को लागू करने का काम उनकी सरकार ने ही किया था। उन्होंने बताया कि ओआरओपी के तहत हरियाणा के भूतपूर्व सैनिकों को ₹13,500 करोड़ वितरित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने देश के सैनिकों को गुमराह करते हुए इस योजना के लिए केवल ₹500 करोड़ आवंटित किए थे। उन्होंने टिप्पणी की कि पिछली सरकार ने कभी भी दलितों, पिछड़े वर्गों या सैनिकों का सही मायने में समर्थन नहीं किया।

विकसित भारत के सपने को मजबूत करने में हरियाणा की भूमिका पर भरोसा जताते हुए प्रधानमंत्री ने खेल या कृषि के क्षेत्र में राज्य के वैश्विक प्रभाव की प्रशंसा की। उन्होंने हरियाणा के युवाओं पर अपना भरोसा जताया और नए हवाई अड्डे तथा उड़ानों को हरियाणा की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रेरणा बताया तथा इस नई उपलब्धि के लिए हरियाणा के लोगों को बधाई देते हुए अपने भाषण का समापन किया।

इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, केन्‍द्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे की नई टर्मिनल बिल्डिंग में एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल, एक कार्गो टर्मिनल और एक एटीसी बिल्डिंग शामिल होगी। हिसार से अयोध्या (सप्ताह में दो बार) के लिए निर्धारित उड़ानें, जम्मू, अहमदाबाद, जयपुर और चंडीगढ़ के लिए सप्ताह में तीन उड़ानें, यह विकास हरियाणा की विमानन कनेक्टिविटी में एक महत्वपूर्ण छलांग होगी।

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