इजरायली टेक्नोलॉजी से किसानों की आमदनी दोगुना करेगी योगी सरकार, 26 करोड़ पौध करेंगे तैयार

Yogi government will double the income of farmers with Israeli technology, will prepare 26 crore saplings

  • यूपी में सब्जियों के उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव की तैयारी
  • प्रदेश में 150 मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का बिछाया जा रहा जाल
  • यूपी के हर जिले में दो हाईटेक नर्सरी की होगी स्थापना
  • किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान समेत अन्य सुविधाएं देकर आमदनी बढ़ाने की तैयारी
  • कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया बल, गांवों में आएगा विकास

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार खेती-किसानी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती है। सरकार की योजना प्रदेश में सब्जी उत्पादन को तकनीकी सहायता से सशक्त बनाने की है। इसके लिए इजरायली तकनीक की मदद ली जा रही है। इसके तहत, कौशाम्बी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स और चंदौली में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजीटेबल्स की स्थापना की जा रही है। इसके साथ ही, किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में 150 हाईटेक नर्सरियों का जाल बिछाया जा रहा है, जिससे उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले पौधे और आधुनिक तकनीक सुलभ हो सकेगी।

किसानों की आय होगी दोगुनी
प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात विभाग के राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि योगी सरकार का लक्ष्य है कि इजरायली तकनीक की मदद से किसानों की आमदनी को दोगुना किया जाए। इसके तहत 26 करोड़ पौध को तैयार करने की योजना बनाई गई है। इन पौध से सब्जियों के उत्पादन में गुणात्मक और मात्रात्मक सुधार आएगा, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिल सकेगी।

उन्नत नर्सरियों और तकनीकी केंद्रों की स्थापना
प्रदेश में 150 हाईटेक नर्सरियों की स्थापना की जा रही है। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को आधुनिक खेती की जानकारी, बीज, पौध और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल प्रदेश के हर जिले में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी।

सिंचाई के लिए आकर्षक अनुदान योजनाएं
योगी सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दे रही है। ड्रिप सिंचाई में इकाई लागत के सापेक्ष लघु एवं सीमांत कृषकों को 90 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। वहीं स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए लघु एवं सीमांत कृषकों को 75 प्रतिशत और अन्य कृषकों को 65 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।

कृषकों को दी जाएंगी तकनीकी सुविधाएं और मार्गदर्शन
नर्सरियों और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म की पौध, उर्वरक, जैविक उत्पाद, कीटनाशक नियंत्रण, जल प्रबंधन, फसल संरक्षण एवं विपणन की तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे उत्पादन लागत में कमी और लाभ में वृद्धि संभव होगी।

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