योगी सरकार की सुपोषण पहल: 2026-27 तक उत्तर प्रदेश में 347 नई टीएचआर इकाइयां स्थापित होंगी

Yogi government's nutrition initiative: 347 new THR units to be set up in Uttar Pradesh by 2026-27

  • वर्तमान में 43 जनपदों में 204 इकाइयों से 288 परियोजनाओं को हो रही THR सप्लाई
  • विकेंद्रीकृत व्यवस्था के अंतर्गत जनपद स्तर पर 273 करोड़ से ज्यादा धनराशि की गई आवंटित

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : योगी सरकार की उत्तर प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ जंग तेज हो रही है। वर्तमान में 43 जनपदों में 204 टेक होम राशन (टीएचआर) इकाइयों से 288 परियोजनाओं को आपूर्ति हो रही है और अब 2026-27 तक 347 नई टीएचआर इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के लिए 273.50 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है, जिससे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं तक पौष्टिक आहार सुनिश्चित होगा।

विकेंद्रीकृत व्यवस्था से सुनिश्चित होगी समयबद्ध आपूर्ति
उत्तर प्रदेश सरकार ने टीएचआर उत्पादन इकाइयों को विकेंद्रीकृत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पहले चरण में 43 जनपदों में 204 इकाइयां कार्यरत हैं, जो 288 परियोजनाओं को पौष्टिक राशन उपलब्ध करा रही हैं। इन इकाइयों के माध्यम से बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं को गुणवत्तापूर्ण पोषण समय पर मिल रहा है। सरकार ने अब दूसरे चरण में 2026-27 तक 347 नई इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य तय किया है, जिससे हर जिले में टीएचआर इकाइयां स्थापित हो सकें।

273.50 करोड़ रुपये आवंटित, 11 जनपदों ने किया शत-प्रतिशत भुगतान
योजना के तहत विकेंद्रीकृत भुगतान व्यवस्था लागू की गई है, जिसके लिए कुल 273.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। संतकबीर नगर, अंबेडकरनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, अलीगढ़, बांदा, इटावा, प्रतापगढ़, ललितपुर, औरैया और महोबा जैसे जनपदों ने शत-प्रतिशत भुगतान पूरा कर लिया है, जो इस योजना की सफलता को दर्शाता है। यह कदम न केवल पोषण आपूर्ति को मजबूत करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा।

योगी सरकार का ‘कुपोषण मुक्त उत्तर प्रदेश’ का संकल्प
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘कुपोषण मुक्त उत्तर प्रदेश’ के विजन को साकार करने के लिए टीएचआर इकाइयों के विस्तार को प्राथमिकता दी है। इन इकाइयों में स्थानीय फसलों और स्वादों को शामिल कर पोषण की गुणवत्ता को और बेहतर किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि 3 से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं तक समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण पोषण पहुंचे, जिससे राज्य की नई पीढ़ी स्वस्थ और सशक्त हो।

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