बदलता हुआ भारत, सशक्त होते भारतीय, नागालैंड में पीएमएवाई-जी की यात्रा

Changing India, Empowering Indians, The Journey of PMAY-G in Nagaland

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

जीवन में एक सकारात्मक बदलाव का हमेशा ही स्वागत किया जाता है, विशेष रूप से जब वह जीवन को बदलाव लाता है। भारत इस प्रकार के उल्लेखनीय परिवर्तन की दौर से गुजर रहा है, भारतीयों का जीवन सुरक्षित, गरिमापूर्ण और बेहतर हो रहा है। जो बातें इस यात्रा को असाधारण बनाती है, वह इसकी समावेशिता और समानता पर ध्यान केंद्रित करना है। भारत जैसे विशाल एवं विविधतापूर्ण देश में, जहां प्रायः विकास की योजना को दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, परिवर्तन की हवा अब देश के कोने-कोने में फैल रही है, यह सुनिश्चित कर ही है कि कोई भी इस बदलाव से वंचित न रहे। देश की कल्याणकारी योजनाओं एवं पहलों के माध्यम से भारतीयों को विकसित भारत के सामूहिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एकजुट किया गया है।

इस बदलाव का सबसे प्रभावशाली पहलुओं में से एक अनिश्चितता से स्थिरता में की और जाना है, विशेष रूप से आवास के मामले में। एक समय था जब देश के लाखों ग्रामीणों के लिए आवास रहित होना कठोर वास्तविकता थी और उन परिवारों को प्रतिकूल मौसम, सामाजिक बहिष्कार और निरंतर असुरक्षा का सामना करना पड़ता था। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) ने उनके जीवन में क्रांति ला दी है, पक्के मकान प्रदान किए गए हैं जो न केवल उन्हें आश्रय प्रदान करते हैं बल्कि गर्व, सुरक्षा और अपनापन की अनुभूति प्रदान करते हैं।

इसका प्रभाव नागालैंड के दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा है, जहां विकास परियोजनाओं को प्रायः लॉजिस्टिक एवं भौगोलिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वहां, पीएमएवाई-जी द्वारा पहले ही 48,826 घरों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है जिनमें से 19,300 से अधिक घरों को पूरा कर लिया गया है, जो उन परिवारों के जीवन में परिवर्तन ला रहा है जो कभी मूल आश्रय के लिए संघर्षरत थे। मजबूत पत्थरों के स्तंभों एवं ऊंची संरचनाओं पर बने ये घर न केवल समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं बल्कि लचीलापन एवं नवीनीकरण का भी प्रतीक हैं। घरों की संरचना लंबा जीवनकाल सुनिश्चित करते हुए नमी और दीमक से होने वाले नुकसान से बचाते है। इन घरों में को प्राप्त करने वाले परिवारों के लिए, यह उनके सशक्तिकरण का क्षण है: एक ऐसा स्थान जहां आकांक्षाएं जड़ें जमाती हैं एवं पनपती हैं। योजना का दृष्टिकोण एक ऐसे भारत की परिकल्पना पर आधारित है जहां विकास समावेशी हो, जो राष्ट्रीय प्रगति में योगदान देते हुए लोगों को सशक्त बनाता हो।

लेकिन यह बदलाव किसी व्यकित के सिर पर छत देने के साथ समाप्त नहीं होता है। पीएमएवाई-जी ने अपने संचालन में स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को शामिल कर ग्रामीण भारत में आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है। नागालैंड में, लाभार्थियों ने अपने निर्माण कौशल एवं आत्मनिर्भरता के साथ-साथ निर्माण की लागत में कमी लाने के लिए बांस तथा हल्के कंक्रीट जैसे स्थानीय संसाधनों का उपयोग किया है।

पीएमएवाई-जी प्रथाओं एवं आधुनिकता के बीच के गैप को भी पाटता है, यह सुनिश्चित करता है कि विकास के माध्यम से सांस्कृतिक पहचान का सम्मान हो। नागालैंड में, इस योजना के अंतर्गत बनाए गए आवास इस क्षेत्र की स्थापत्य विरासत को परिलक्षित करते हैं, जिसमें आधुनिक पहलू प्राकृतिक परिदृश्य के साथ आसानी से घुल-मिल जाते हैं। बांस की चटाईयां दीवारों और छत की शोभा बढ़ाती है और सीजीआई शीट छत का काम करती हैं, परंपराओं को कार्यक्षमता के साथ जोड़ती हैं। ये घर केवल कार्यात्मक नहीं हैं बल्कि इस बात का प्रतिबिंब हैं कि विकास के माध्यम से स्थानीय परंपराओं का सम्मान और एकीकरण कैसे किया जा सकता है।

कुल मिलाकर, पीएमएवाई-जी जीवन में परिवर्तन लाने और ऐसा करने में, भारत में बदलाव लाने के बारे में है। सुरक्षित और सुदृढ़ घरों के साथ, परिवार अब शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आजीविका पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्वतंत्र हो चुके हैं, जिससे पीढ़ीगत प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है। नागालैंड में, यह परिवर्तन स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। अपने नए घरों में रहने वाले परिवार अपने उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं, जो नीति को समृद्धि में बदलने की योजना की सफलता का प्रतीक हैं। यह एक बदलते भारत की भावना है, जहां देश का प्रत्येक नागरिक अपने विकास में एक हितधारक है और प्रत्येक सपने का एक आधार है।

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