ग्रामीण विकास मंत्रालय को इस बजट में जितने अवसर मिले हैं, उतनी ही जिम्मेदारी भी मिली है: शिवराज सिंह चौहान

Rural Development Ministry has got as much responsibility as it has got in this budget: Shivraj Singh Chouhan

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिए इस बार केंद्रीय बजट 2025-26 में ₹1,88,754 करोड़ का प्रावधान
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कार्यक्रम के लिए ₹86,000 करोड़, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए ₹19,000 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के लिए ₹54,832 करोड़ का प्रावधान
  • बजट में ग्रामीण संपन्नता और रेजिलिएंस कार्यक्रम (रुरल प्रॉस्पेरिटी एंड रेजिलिएंस प्रोग्राम) (RPRP) की घोषणा की गई
  • नए प्रोग्राम को राज्यों की सहभागिता के साथ पहले चरण में एक सौ विकासशील कृषि जिलों में शुरू किया जाएगा
  • नए प्रोग्राम से ग्रामीण महिलाओं, युवाओं, युवा किसानों और भूमिहीन लोगों को लाभ होगा
  • प्रोग्राम के माध्यम से खेती पर आश्रित ग्रामीणों को रोजगार के अतिरिक्त और उन्नत अवसर उपलब्ध कराने के लिए कौशल-विकास पर विशेष बल दिया जाएगा

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बजट को लेकर कहा कि मेरे ग्रामीण विकास मंत्रालय को इस बजट में जितने अवसर मिले हैं, उतनी ही जिम्मेदारी भी मिली है। विकसित भारत के लक्ष्य के लिए गरीबी-मुक्त भारत, कौशल-विकास में शत-प्रतिशत समावेशन, आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की सत्तर प्रतिशत भागीदारी, किसानों की भारत को विश्व का फूड बास्केट बनाने में इस बजट की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिए इस बार केंद्रीय बजट 2025-26 में ₹1,88,754 करोड़ का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कार्यक्रम के लिए ₹86,000 करोड़, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए ₹19,000 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के लिए ₹54,832 करोड़, दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण जीविका मिशन के लिए ₹19005 करोड़ और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए ₹9652 करोड़ का प्रावधान रहा।

इस बजट में प्रस्तावित विकास के बिन्दु – गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर दस व्यापक क्षेत्रों में फैले हुए हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय से सम्बद्ध व्यापक क्षेत्र है- ग्रामीण संपन्नता और रेजिलिएंस कार्यक्रम। ग्रामीण संपन्नता और रेजिलिएंस कार्यक्रम (रुरल प्रॉस्पेरिटी एंड रेजिलिएंस प्रोग्राम) (RPRP) भारत को गरीबी-मुक्त बनाने की दिशा में लिया गया एक ऐतिहासिक एवं महत्त्वाकांक्षी निर्णय है। इस नए प्रोग्राम को राज्यों की सहभागिता के साथ पहले चरण में एक सौ विकासशील कृषि जिलों में शुरू किया जाएगा। देश और दुनिया से लिए गए बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाया जाएगा – मल्टीलैटरल एजेंसीज से उपयुक्त तकनीकी एवं वित्तीय सहायता भी ली जाएगी। इस नए प्रोग्राम से ग्रामीण महिलाओं, युवाओं, युवा किसानों और भूमिहीन लोगों को लाभ होगा।

इस नए प्रस्तावित कार्यक्रम- ग्रामीण सम्‍पन्‍नता और रेजिलिएंस कार्यक्रम के चार घटक निम्नांकित हैं-

  1. ग्रामीण महिलाओं के लिए उद्यम विकास, रोज़गार और वित्‍तीय स्‍वतंत्रता को उत्‍प्रेरित करना; महिलाओं के लिए उच्च दर्जे के उद्यम, ऋण मुहैया कराने की बेहतर व्यवस्था और ढाँचागत विकास, मेंटरशिप का प्रबंधन, कौशल-आधारित प्रशिक्षण, बेहतर मार्केटिंग और निजी क्षेत्र की सक्रिय सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी
  2. युवा किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए नए रोज़गार और व्‍यवसायों के सृजन में तेजी लाना; इस नए प्रोग्राम के लिए ग्रामीण क्षेत्र में कौशल-विकास को गति दी जाएगी। इसमें ग्रामीण विकास विभाग के RSETI (Rural Self-employment Training Institute) के नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा, ताकि सभी पात्र ग्रामीणों को कौशल-विकास के साथ जोड़ा जा सके। इसमें नई तकनीक का भी बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाएगा।
  3. विशेष रूप से सीमांत और छोटे किसानों के लिए उत्‍पादकता में सुधार और भंडारण हेतु कृषि संवर्द्धन एवं आधुनिकीकरण; और
  4. भूमिहीन परिवारों के लिए विविध अवसर उत्‍पन्‍न करना।

इस प्रोग्राम के माध्यम से खेती पर आश्रित ग्रामीणों को रोजगार के अतिरिक्त और उन्नत अवसर उपलब्ध कराने के लिए कौशल-विकास पर विशेष बल दिया जाएगा। जैसा कि वित्त मंत्री ने कहा है, कि गाँवों से लोगों का माइग्रेशन स्वैच्छिक होना चाहिए, बेहतरी के लिए होना चाहिए, उनकी मजबूरी नहीं होनी चाहिए।

इस कार्यक्रम के अलावा, बजट में ग्रामीण क्रेडिट स्‍कोर की भी घोषणा हुई है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसएचजी सदस्‍यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्‍कोर’ फ्रेमवर्क विकसित किए जाएंगे। इससे स्वयं-सहायता-समूहों की महिला उद्यमियों को व्यक्तिगत ऋण लेने में सुविधा होगी और अधिक निवेश के उद्यम को स्थापित करने का अवसर मिलेगा।

बजट में ग्रामीण क्रेडिट स्‍कोर की भी घोषणा हुई है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसएचजी सदस्‍यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्‍कोर’ फ्रेमवर्क विकसित किए जाएंगे।

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