
- टॉप फाइव में गोरखपुर, महराजगंज, प्रयागराज, आजमगढ़ और बाराबंकी
- जल संरक्षण के लिए योगी सरकार कर रही जल स्रोतों को पुनर्जीवित
- गोरखपुर में बने सर्वाधिक 735 अमृत सरोवर
- महराजगंज में 600 से अधिक जबकि प्रयागराज में 523 अमृत सरोवर हुए निर्मित
- सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से बनाए जा रहे टिकाऊ जल संसाधन
रक्षा-राजनीति नेटवर्क
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार ने जल संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। जल संकट से निपटने और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से राज्य में 16,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया है। यह कार्य मिशन अमृत सरोवर योजना के तहत किया जा रहा है। इससे न केवल पानी की उपलब्धता को बढ़ाया जा रहा है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी जा रही है।
गोरखपुर सबसे आगे, 735 अमृत सरोवर बने
इस अभियान में गोरखपुर जिला सबसे आगे रहा, जहां 735 अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया। महराजगंज में 600 से अधिक तथा प्रयागराज में 523 अमृत सरोवर बनाकर जल संरक्षण को बढ़ावा दिया गया। आजमगढ़ और बाराबंकी भी इस पहल में टॉप फाइव जिलों में शामिल रहे।
सामुदायिक भागीदारी बनी सफलता की कुंजी
सरकार ने जल निकायों के विकास में समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की। गांववासियों, पंचायतों और स्थानीय संगठनों की मदद से यह पहल जमीनी स्तर पर उतरी। इससे जल संरक्षण का यह अभियान एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले सका।
हर गांव तालाब से रोजगार और महिला भागीदारी को मिला बढ़ावा
जल संरक्षण की इस योजना ने ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराया। तालाबों की खुदाई, सौंदर्यीकरण और रखरखाव में महिलाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। यह अभियान केवल जल प्रबंधन नहीं बल्कि आजीविका का साधन भी बना।
योगी सरकार की नीति का सफल क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट नीति और दृढ़ संकल्प के चलते जल संरक्षण को लेकर प्रदेश ने एक नई पहचान बनाई है। टिकाऊ जल संसाधन विकसित करने के लिए व्यापक नीति बनाई गई, जिसका असर अब दिखने लगा है।